तीन दिन लगातार चलने के बाद और पिछली रात की खतरनाक बारिश और बादलों की गड-गडगड़ाहट जिस कारण हम रात भर सो नहीं पाए. इसके बाद जब हम थके-हारे पांणा ग़ाव पहुचे और गाय चराते इन बच्चो को देखा तो सब कुछ भूल गए माशूम चेहरा और शर्मीली आखें सायद हमसे कुछ सवाल कर रही थी और जिनके जवाब सायद हमारे पास नहीं होते.